भाषा शिक्षण पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन

||PAYAM E RAJASTHAN NEWS|| 13-DEC-2019
|| अजमेर || क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान, अजमेर में 11 से 13 दिसंबर तक आयोजित तीन दिवसीय "भाषा शिक्षण पर राष्ट्रीय सम्मेलन" के समापन सत्र में मुख्य वक्ता प्रो. नन्द किशोर पाण्डेय, निदेशक, केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा, ने अपने वक्तव्य में भारतीय भाषाओँ  के महत्त्व एवं उनके साहित्य में संग्रहित भारतीय संस्कृति तथा भारतीयता को  सप्रसंग व्याख्यायित किया। प्रो. पाण्डेय ने आजाद भारत में मैकाले की शिक्षा के बढ़ते प्रभाव के कारण भारतीय भाषाओँ के निरंतर ह्रास पर चिंता व्यक्त करते हुए भारतीय भाषाओँ को शिक्षण का माध्यम बनाने पर जोर दिया। उन्होंने विभिन्न हिंदी साहित्यकारों की रचनाकाओं का उध्दरण देते हुए हिंदी की शब्द सम्पदा एवं शब्द भंडार की व्यापकता की ओर भी प्रकाश डाला। 
इस समापन सत्र में प्रतिभागियों के तरफ से अपने तीन दिवसीय अनुभवों को साझा करते हुए डॉ. बृज मोहन ने संस्कृत भाषा की महत्ता तथा उसमे निहित भारतीयता एवं ज्ञान सम्पदा को संस्कृत भाषा में ही संवाद के माध्यम से अभिव्यक्त किया। डॉ. विजय कुमार यादव, सहायक आचार्य मिजोरम हिंदी प्रशिक्षण महाविद्यालय, आइजोल ने इस सम्मेलन को एक विशेष सम्मेलन बताया उन्होंने कहा कि भाषा पर अनेक संगोष्ठियाँ एवं सम्मेलनों का आयोजन होता रहता है परंतु भाषा शिक्षण पर ऐसे सम्मेलन अमूमन कम देखने को मिलते हैं। यह सम्मेलन शिक्षक प्रशिक्षण तथा भाषा शिक्षण के क्षेत्र में विशेष लाभदायी होगा। डॉ. कमर सलीम ने उर्दू भाषा शिक्षण तथा डॉ. तमिश्रा स्वाइन ने अंग्रेजी भाषा शिक्षण के सन्दर्भ में अपने त्रिदिवसीय अनुभवों को साझा करते हुए बताया की वर्तमान में भाषा शिक्षण संबंधित हो रहे अनेक नवाचारों से हमें रूबरू होने का अवसर प्राप्त हुआ|
 
इस समापन सत्र में संस्थान के प्रधानाचार्य प्रो. नागेंद्र सिंह ने निदेशक महोदय का स्वागत पुष्पगुच्छ देकर किया एवं मंच संचालन डॉ. स्नेह सुधा, सहायक आचार्य हिंदी तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सरयुग यादव, प्रोफ़ेसर अंग्रेजी, सामाजिक एवं मानविकी शिक्षा विभाग ने किया।  इस समापन सत्र में  प्रो. राजेश मिश्रा, सम्मेलन समन्वयक, प्रो. आयुष्मान गोस्वामी, विभागाध्यक्ष, विस्तार शिक्षा विभाग, डॉ. अलबर्ट होरो, विभागाध्यक्ष सामाजिक एवं मानविकी शिक्षा विभाग, डॉ. अतुल दुबे, सहायक आचार्य, शारीरिक शिक्षा, डॉ. मुजम्मिल शईद एवं भारत के विभिन्न क्षेत्रों से आये विषय विशेषज्ञ तथा प्रतिभागी उपस्थित रहे। इस अवसर पर समस्त प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र दिया गया।
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