ट्रम्प की टैरिफ नीति और भारत-अमेरिका संबंध: एक संतुलन की कला"** *(विश्लेषणात्मक आलेख - सलमान कुरैशी)

||PAYAM E RAJASTHAN NEWS|| 2-AUG-2025 **"ट्रम्प की टैरिफ नीति और भारत-अमेरिका संबंध: एक संतुलन की कला"** *(विश्लेषणात्मक आलेख - सलमान कुरैशी)* --- **प्रस्तावना:** जब डोनाल्ड ट्रम्प ने 2016 में "अमेरिका फर्स्ट" का नारा दिया था, तब से ही यह स्पष्ट हो गया था कि वैश्विक व्यापार के मैदान में नए नियम लिखे जाएंगे। आज, उनकी टैरिफ नीतियां भारत जैसे विकासशील देशों के लिए गंभीर चुनौती बनकर उभरी हैं। यह आलेख इसी जटिल समीकरण को समझने का प्रयास करता है। --- ### **टैरिफ युद्ध का इतिहास और वर्तमान** 2018 से ही ट्रम्प प्रशासन ने भारतीय स्टील और एल्युमिनियम पर 25% और 10% का अतिरिक्त शुल्क लगा दिया था। हाल ही में, इन प्रतिबंधों को और सख्त बनाते हुए अमेरिका ने भारतीय फार्मास्यूटिकल और आईटी सेक्टर को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है। भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार, इससे हमारे निर्यात को प्रतिवर्ष लगभग 3.5 अरब डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है। ### **भारत की प्रतिक्रिया: रणनीति या आक्रामकता?** भारत ने जवाबी कार्रवाई में अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है: - अमेरिकी बादाम पर 20% अतिरिक्त शुल्क - हार्ले डेविडसन मोटरसाइकिलों पर 50% तक का शुल्क - सेब और दालों पर 30% शुल्क किंतु क्या यह पर्याप्त है? आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ डॉ. अरविंद सुब्रमण्यम का मानना है कि "भारत को अपनी प्रतिक्रिया में अधिक रणनीतिक होना चाहिए। केवल टैरिफ युद्ध से समस्या का समाधान नहीं होगा।" ### **द्विपक्षीय संबंधों का बदलता स्वरूप** 1. **रक्षा सहयोग:** अमेरिका भारत को 18 अरब डॉलर का रक्षा सामान निर्यात करता है। क्या टैरिफ युद्ध इस पर प्रभाव डालेगा? 2. **आईटी सेक्टर:** ट्रम्प की H-1B वीजा नीतियों ने पहले ही भारतीय टेक कंपनियों को झटका दिया है। 3. **ऊर्जा सहयोग:** भारत अमेरिकी तरल प्राकृतिक गैस (LNG) का प्रमुख आयातक बन रहा है। ### **वैकल्पिक रास्ते: भारत के विकल्प** - यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को तेजी से अंतिम रूप देना - रूस और अफ्रीकी देशों के साथ व्यापारिक संबंधों को विस्तार - आत्मनिर्भर भारत अभियान को वास्तविक धरातल पर उतारना ### **भविष्य की राह: सहयोग या टकराव?** विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी (नाम न छापने की शर्त पर) के अनुसार, "दोनों देशों के बीच गुप्त वार्ता जारी है। हम टैरिफ मुद्दे को राजनीतिक रूप से नहीं, बल्कि आर्थिक दृष्टि से हल करना चाहते हैं।" --- **उपसंहार:** ट्रम्प की टैरिफ नीति ने भारत के सामने चुनौतियां तो खड़ी की हैं, परंतु यह अवसर भी है कि हम अपनी अर्थव्यवस्था को अधिक लचीला बनाएं। जैसा कि वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था, "हर चुनौती में अवसर छिपा होता है।" भारत को अब अपनी आर्थिक कूटनीति में उस संतुलन की कला को दिखाना होगा जो हमारी सभ्यता की पहचान रही है।

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