संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को "भारत रत्न" से अलंकृत किया जाए, आचार्य श्री की दीक्षा स्थली कीर्ति स्तंभ पर जैन धर्मावलंबियों ने दी विन्यांजली
||PAYAM E RAJASTHAN NEWS|| 19-FEB-2024
|| अजमेर || श्री दिगंबर जैन संत शिरोमणि आचार्य 108 श्री विद्यासागर जी महामुनिराज की जिनकी कल समाधि डोंगरगढ़ छत्तीसगढ़ में हो गई है को श्री दिगंबर जैन महासमिति अजमेर एवम श्री दिगंबर महासमिति महिला एवम युवा महिला संभाग अजमेर द्वारा विन्यांजलि कार्यक्रम (श्रद्धांजलि सभा) का आयोजन आचार्य श्री की दीक्षा स्थली महावीर सर्कल स्थित कीर्ति स्तंभ पर रखी गई जिसमे आचार्य श्री के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित करते हुए णमोकार महामंत्र की माला के पश्चात समिति सदस्यों ने आचार्य श्री के प्रति अपनी भावनाएं प्रस्तुत करते हुए विचार व्यक्त किए एवम भारत सरकार से जैन समाज के व्यक्तियो के लिए ही नहीं वरन जन समुदाय को बताए मानव कल्याण के मार्ग से जीवन को किस प्रकार से जीना चाहिए की कला से रूबरू कराया इस हेतु आचार्य श्री को "भारत रत्न" दिए जाने की मांग की
समिति की राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष मधु पाटनी ने कहा कि भारत सरकार आचार्य श्री को भारत रत्न से अलंकृत करती है तो यह आचार्य श्री को सही मायने में विन्यांजली होगी
श्री दिगंबर जैन महासमिति अजमेर के महामंत्री कमल गंगवाल एवम युवा महिला संभाग अध्यक्ष सोनिका भैसा ने बताया कि इस अवसर पर उपस्थित जैन समुदाय ने विनयांजलि देते हुए एक स्वर में अपनी मांग रखते हुए आचार्य श्री को भारत रत्न दिए जाने की बात कही समिति अध्यक्ष अतुल पाटनी ने बताया कि इस अवसर पर अंकित पाटनी सहित अन्य भक्तो ने भजनों के माध्यम से आचार्य श्री को श्रद्धा सुमन अर्पित किए
इस अवसर पर श्री दिगंबर जैन महासमिति, श्री दिगंबर जैन महिला एवम युवा महिला संभाग कार्यकारिणी के सदस्य,अजमेर की सभी इकाई के अध्यक्ष मंत्री के साथ सभी समिति सदस्य/सदस्याए,श्री बड़ा धड़ा पंचायत के अध्यक्ष प्रदीप पाटनी,मंत्री मनीष सेठी,श्रेयांश पाटनी,सरला लुहाड़िया,भावना बाकलीवाल,
प्रीति गदिया,राकेश पालीवाल,
पूनम बड़जात्या,शशि जैन बज,रेनू पाटनी,शांता काला,चंदा दोषी,अनिता पाटनी,मनीष अजमेरा,महेंद्र काला,ताराचंद सेठी,संजय जैन,अनिता अजीत जैन,अनामिका सुरलाया,पारस कासलीवाल,दीपक पटवा,राजेंद्र पाटोदी,अशोक सुर्लाया, मंजू ठोलीया एवम जैन समुदाय के व्यक्तियो ने उपस्थित होकर आचार्य श्री के प्रति सच्ची विनयंजली दी।।।।।।
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