पाप को छोड़े बिना पवित्रता नही -- प्रियदर्शन मुनि

||PAYAM E RAJASTHAN NEWS|| 09-JULY-2023 || अजमेर || संघनायक श्री प्रियदर्शन मुनि जी महारासा ने फरमाया कि जीव का लक्ष्य पवित्रता का है और पाप को छोड़े बिना पवित्र नहीं बना जा सकता है ।अरिहंत परमात्मा 18 दोषों से रहित है हमें भी 18 प्रकार के दोषों से, पापों से मुक्त बनना है ।18 पाप में पहला पाप है प्राणातीपात, यानी प्राणों का अतिपात करना, प्राणों की हिंसा करना, प्राणियों की जीवनी शक्ति को प्राण कहा गया है ।हमारे यहां 10 प्रकार के प्राणों का वर्णन आया है उनमें से आयुष्य बलप्राण सब प्राणों का आधार माना जाता है। आयुष्य के शेष रहते सब प्राणों का अस्तित्व हो सकता है, मगर आयुष्य के अभाव में शेष सभी प्राणों का अस्तित्व भी समाप्त हो जाता है। इन 10 प्राणों में से सभी को या किसी एक को कष्ट, दुःख या पीड़ा पहुंचाना, प्राणतिपात हिंसा कहलाता है ।यह सबसे पहला पाप है , पाप का परिणाम सदा बुरा ही आता है, ऐसा मानकर पापों से ज्यादा से ज्यादा बचने का प्रयास करना चाहिए। इसी के साथ पूज्य श्री सौम्य दर्शन जी महारासा ने फरमाया कि व्यक्ति का अपनी आत्मा के प्रति जागृत रहना परम आवश्यक है। संसार में बहुत तरह के व्यक्ति होते हैं कुछ व्यक्ति बिना जगाए जागृत हो जाते हैं जैसे तीर्थंकर भगवान ।किसी को उन्हें जगाना नहीं पड़ता वह स्वत: ही बोध को प्राप्त कर लेते हैं। कुछ व्यक्ति जो अलार्म आदि माध्यम से जगते हैं कोई घटना या निमित मिलते ही जागृत हो जाते हैं ।कुछ व्यक्ति जो अलार्म की आवाज को बंद कर देते हैं यानी साधु संत जगाने की कहें तो वह साधु संतों के यहां आना ही बंद कर देते हैं। और कुछ व्यक्ति ऐसे होते हैं इतनी गहरी नींद में सोते हैं कि कितना ही अलार्म बज रहा हो वह अलार्म की आवाज को सुनते ही नहीं है, यानी साधु संत आदि का उनपर कोई असर ही नहीं होता वह उस पर ध्यान ही नहीं देते। आप अपने जीवन के बारे में विचार करें कि आपकी श्रेणी इनमें से कौन सी है। आप स्वयं जागृत न हो सके तो कम से कम जब आपको जगाया जाता हो तब तो जागृत होने का प्रयास कीजिए ।अगर जागृत होकर आत्मा के उत्थान की दिशा में कुछ कर पाए तो ही यह दुर्लभ मानव जीवन का अवसर सार्थक सिद्ध हो सकेगा। धर्म सभा का संचालन बलवीर पीपाड़ा ने किया।

Comments

Popular posts from this blog

क़ुरैश कॉन्फ्रेंस रजिस्टर्ड क़ुरैश समाज भारत की अखिल भारतीय संस्था द्वारा जोधपुर में अतिरिक्त जिला कलेक्टर दीप्ति शर्मा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौप कर सूरसागर में आये दिन होने वाले सम्प्रदायिक दंगों से हमेशा के लिये राहत दिलाने की मांग की गई है।

सीनियर सिटीजन यदि हर आधे घंटे में अपना स्थान बदलें और हाथ पैर चला लें तो ऑपरेशन की आवश्यकता ही नहीं रहेगी

अंजुमन यादगार चिश्तिया शेखजादगान की जानिब से एडवोकेट सैयद मजाहिर चिश्ती का इस्तकबाल किया