राजकीय सामान्य चिकित्सालय नसीराबाद में दो वर्ष पूर्व की गई शिकायत की जांच करने पहुंचे डिप्टी जॉइंट डायरेक्टर

||PAYAM E RAJASTHAN NEWS|| 24-AUG-2022 || नसीराबाद || रिजवान-----------------------------------------------------------------------------------------------------------------नसीराबाद उपखंड के सबसे बड़े 150 पलंगों वाले चिकित्सालय में चूहे बिल्ली का खेल चल रहा प्रतीत होता है जिसमे कभी चूहा बिल्ली को मात देता है और कभी बिल्ली चूहे को खाने के करीब पहुंच जाती है । बुधवार को अजमेर जोन के डिप्टी ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ फुलवारी नसीराबाद पहुंचे तथा राजकीय सामान्य चिकित्सालय में कार्यरत महिला गायनिक चिकित्सक डॉक्टर सुरभि गौड़ के खिलाफ जांच प्रारंभ की । जांच अधिकारी डॉक्टर फुलवारी सबसे पहले प्रातः 8:00 बजे डॉक्टर सुरभि गौड़ के घर पर पहुंचे और उनके निजी चिकित्सालय की जांच की और उन्हें चिकित्सालय में उपस्थित होने को कहा दरअसल मामले के अनुसार आज के 2 वर्ष पूर्व स्थानीय निवासी इम्तियाज कुरैशी ने डॉ सुरभि गॉड के खिलाफ एक शिकायत की थी जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी की डिलीवरी के समय सुरभि गॉड द्वारा अभद्र व्यवहार करना बताया परंतु मुख्य बिंदु यह है कि 2 वर्ष पूर्व की गई शिकायत की जांच आज क्यों की जा रही है तथा 2 वर्ष तक यह शिकायत कहां दबी हुई थी मामले का मजेदार पहलू यह है कि राजकीय सामान्य चिकित्सालय नसीराबाद के उचित चिकित्सकों ने चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा प्रभारी डॉ विनय कपूर की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाते हुए उनके ऊपर जांच की शिकायत की परंतु जांच उल्टा शिकायत कर्ताओं के ऊपर ही आ गई । यहां आपको बता दें कि जिन चिकित्सकों ने डॉ विनय कपूर की कार्यशैली की जांच के लिए पत्र लिखा उनमें से दो चिकित्सकों का स्थानांतरण हो चुका है तथा 2 चिकित्सक वर्तमान में राजकीय सामान्य चिकित्सालय में कार्यरत हैं । उप संयुक्त निदेशक ने बताया कि उन्हें डॉक्टर अमित यादव और डॉक्टर सुरभि गौड़ के खिलाफ शिकायत मिली है कि वे समय पर चिकित्सालय नहीं आते और अपने निजी चिकित्सालय में मरीजों को देखते हैं जिस पर यह जांच की जा रही है तथा प्रथम दृष्टया जांच में पाया गया कि डॉ अमित यादव प्रातः 8:00 बजे ओपीडी में अपनी सीट पर नहीं थे वही गायनिक डॉक्टर सुरभि गौड़ की अपनी सीट पर नहीं मिली । जांच अधिकारी ने बताया कि इनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी जबकि डॉ अमित यादव अवकाश पर हैं यदि डॉ अमित यादव आकाश पर हैं तो वे ओपीडी में मरीज कैसे देख सकते हैं यह विचारणीय बिंदु है वहीं दूसरी तरफ जांच अधिकारी किसी भी जांच का दायरा चिकित्सालय तक ही सीमित रख सकते हैं चिकित्सक के घर जाकर जांच नही कर सकते तो फिर जांच अधिकारी डॉ सुरभि गौड़ के घर क्यो गए जो कि उनकी कार्यशैली पर भी एक सवालिया निशान लगा रहा है यदि जांच अधिकारी भी इस तरह से पक्षपात करते हुए अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे तो आम नागरिक कहाँ फरियाद करेंगे । जब इस मामले में चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा प्रभारी डॉ विनय कपूर से बात की गई तो उन्होंने इस बारे में अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि किसी मरीज द्वारा की गई शिकायत की मुझे जानकारी नहीं और जांच अधिकारी भी उस शिकायत पर ही आए हैं इससे मेरा कोई सरोकार नहीं । अब सबसे बड़ी देखने वाली बात यह है कि आखिर कौन सा ऐसा चिकित्सक है जो चिकित्सालय समय के बाद निजी निवास पर मरीजों को ना देखते हों । यदि ऐसा नहीं हो तो फिर डॉक्टर सुरभि गॉड के पीछे जांच अधिकारी क्यों पड़े हैं यह समझ के परे है ।

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