हुकुमचंद कॉलेज मे भारतीय परिप्रेक्ष्य मे मूल्य शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शिक्षक शिक्षा कि भूमिका विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित

||PAYAM E RAJASTHAN NEWS|| 30-MAR-2022 || नसीराबाद || नसीराबाद रोड अजमेर स्थित हुकुमचंद कॉलेज में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका विषय भारतीय परिप्रेक्ष्य में मूलय शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शिक्षक शिक्षा की भूमिका रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रोफेसर नगेंद्र सिंह, डीन, शिक्षा महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय और निदेशक डॉ दिनेश चंद्र शर्मा तथा महाविद्यालय प्राचार्य डॉ रीता पारीक ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण कर किया। महा विद्यालय शिक्षा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ कल्पना महावर ने सभी अतिथियों के परिचय से अवगत कराया । संस्थान निदेशक ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि शिक्षक और मूल्य आपस में जुड़े हैं और बिना साधन के साध्य की पूर्ति नहीं हो सकती। एक शिक्षक अपने विवेक और मूल्यों को अलग नहीं कर सकता। साथ ही भारतीय संस्कृति का मूल्य परक शिक्षा में योगदान रहा है और रहेगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर नगेंद्र सिंह ने बताया कि समय परिवर्तनशील है और हम संस्कृति से विलग नहीं हो सकते। नई शिक्षा नीति में यह विचार करने की आवश्यकता है कि भारतीय संस्कृति में शिक्षा का स्वरूप क्या होगा व शिक्षको का निर्माण किस तरीके से किया जाए। आज कि संगोष्ठी के मुख्य वक्ता प्रोफेसर आयुष्मान गोस्वामी, क्षेत्रीय शिक्षण संस्थान के विभाग अध्यक्ष शिक्षा विभाग रहे। उन्होंने बताया कि भारतीय संस्कृति में किसी भी भेद के लिए कोई स्थान नहीं है। यह तो सभी जातिगत भावनाओं से विलग है। प्रथम सत्र मे डॉ विश्वामित्र वैष्णव, सुनील कुमार, सांवरलाल, जूली त्यागी, अनीता धाकड़, किशन वैष्णव आदि ने पत्र वाचन किया। द्वित्तीय सत्र में सुश्री कविता, नीलम शर्मा, निधि शर्मा, रेखा जोशी, कृपा शर्मा ने पत्र वाचन किया। संगोष्ठी में लगभग 60 प्रतिभागियों ने भाग लिया। संगोष्ठी के अंत में महाविद्यालय प्राचार्य ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच का संचालन निधि शर्मा ने किया । संगोष्ठी के द्वितीय सत्र में डॉ राकेश कटारा ( जिला शिक्षा अधिकारी) अजमेर ने विद्यार्थियों को बताया कि मूल्य का मूल अर्जित गुण अनुकरण करना है। मूल्यों का लेनदेन बुद्धि से संचालित होता है लेकिन मन का प्रभाव बुद्धि को अपने गंतव्य से विमुख कर देता है। संगोष्ठी में महाविद्यालय के उपनिदेशक डॉ निष्काम शर्मा, डॉ मीनाक्षी शर्मा, प्राचार्य नारायणी देवी टीटी कॉलेज, प्रवक्ता आराधना माहेश्वरी, कृपा शर्मा, रत्ना गौड़ आदि उपस्थित रहे।।।।

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