पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत ने मुख्यमंत्री और कलेक्टर को लिखा पत्र

||PAYAM E RAJASTHAN NEWS|| 30-SEP-2021 || अजमेर || रिपोर्ट हीरालाल नील------------------------------------------------------------------------------------------------- पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत ने मुख्यमंत्री और कलेक्टर को लिखा पत्र अपने पत्र में विधायक रावत ने मुख्यमंत्री को लिखा कि, जैसा कि सर्वविदित हैं, जगत्पिता ब्रह्मा की नगरी पुष्कर का पशु मेला आदिकाल से तीर्थनगरी की महिमा को सुशोभित करने वाला रहा हैं। पौराणिकता एवं धर्म कथाएँ भी पुष्कर के पशु मेले के महत्व को प्रकाशित करती हैं। जगत्पिता ब्रह्मा और जनता के आर्शीवाद से अधोहस्ताक्षरकर्ता को पुष्कर क्षेत्र का विधानसभा में प्रतिनिधित्व मिलने के साथ ही मेरे द्वारा पुष्कर शहर की पौराणिकता, आध्यात्मिकता एवं धार्मिक व सामाजिक संस्कारों, प्रचलनों व उत्सवों को भव्यता प्रदान कर तीर्थनगरी के प्रति विश्वव्यापी आस्था व महत्व को और अधिक सुदृढ करने के लिए विगत भाजपा कार्यकाल में पशु मेले को भव्यता प्रदान कराई गई, मेले में आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को आवश्यक सुविधाएं, मार्गदर्शन व सहयोग उपलब्ध कराने हेतु "आपका विधायक-आपके द्वार" का आश्रय स्थल भी संचालित करना प्रारम्भ किया। स्वयं तत्कालीन मुख्यमंत्री ने भी 02 दिवस मेले में रूक कर मेले को भव्यता प्रदान करने के लिए सभी का उत्साहवर्धन किया। इसी के साथ तीर्थगुरू पुष्कर के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था बढाने और पर्यटकों का पुष्कर के प्रति ध्यान आकर्षित करने हेतु प्रतिवर्ष अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के भक्ति उत्सव, सीकेड फैस्टिवल का आयोजन भी प्रारम्भ करवाया, जिससे तीर्थनगरी पुष्कर अन्तर्राष्ट्रीय मानचित्र पर धार्मिक एवं पर्यटक स्थल के रूप में अपनी अनूठी वैभवशाली पहचान लेकर उभरा हैं। लेकिन सत्ता परिवर्तन के साथ ही प्रशासन की पुष्कर मेले के प्रति असंवेदनशीलता पशु मेले की भव्यता एवं महत्व पर प्रश्न चिन्ह लगाये हुए हैं। भक्ति उत्सवों/सीक्रेड फेस्टिवल तो समाप्त ही कर दिए। रही सही कसर कोविड-19 महामारी ने पूरी कर दी, जिसके कारण गत वर्ष से मेले का आयोजन ही नहीं हो पाया। इस संबंध में आपका ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा कि, कोरोना की रफ्तार लगभग समाप्त होने के साथ ही सभी कार्यालय, सार्वजनिक /पब्लिक स्थल एवं अब तो विद्यालय तक खोल दिये गये हैं, साथ ही पुष्कर मेले पर रोक के बावजूद विश्वभर से धार्मिक महत्व के पशु मेले में श्रद्धालुओं और पर्यटकों को पुष्कर आने से न तो प्रशासन रोक पायेगा और न ही अन्य कोई। एक तरफ चुनावी रैलिया, सभाएँ, धार्मिक कथाएँ तथा 30 लाख की परीक्षार्थी संख्या वाली परीक्षाएं अयोजित हो रही हैं तो फिर *"पुष्कर मेला - 2021"* के अयोजन पर रोक क्यो ? यह पुष्कर मेला केवल श्रृद्धालुओ एवं पर्यटकों के लिये ही महत्वयुक्त नहीं वरन् यह मेला मेरे पुष्कर क्षेत्र के पशुपालक, पर्यटन व्यवसायी, स्थानीय बाजार व्यवसायी, तीर्थ पुरोहित, पुष्प व्यवसायी, गाईड, होटल व्यवसायी, कृषक, दिहाडी मजदूर आदि सभी के लिये आजीविका का स्त्रोत होने के कारण सभी के लिए अत्यन्त महत्वयुक्त हैं। लेकिन इस वर्ष भी पुष्कर मेले के आयोजन पर लगी रोक के कारण सर्वत्र प्रशासन व सरकार के विरूद्ध आक्रोश व्याप्त हैं। अतः पुष्कर के पौराणिक, धार्मिक, सांस्कृतिक व पर्यटिक महत्व को प्रबलता प्रदान करने एवं जनभावनाओं के पक्ष में त्वरित निर्णय लेकर *"पुष्कर मेला - 2021* पर लगी रोक को निरस्त करा कोरोना गाईड लाईन के तहत् मेले के आयोजन की अनुमति प्रदान कर विश्वव्यापी श्रद्धालुओं की आस्था के साथ ही स्थानीय रोजगार प्राप्त करने वाले क्षेत्रवासियों की भावनाओं को भी सम्मान प्रदान करे। इसके साथ ही विधायक रावत ने *पुष्कर मेला - 2021* की अनुमति के लिए अग्रिम आवश्यक कार्रवाई हेतु कलेक्टर को भी पत्र प्रेषित किया।

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