सामान्य वर्ग के आर्थिक पिछड़े को मिले भर्तियों में आयु एवं शुल्क संबंधि छूट - सांसद भागीरथ चौधरी

||PAYAM E RAJASTHAN NEWS|| 30-JULY-2021 || अजमेर || रिपोर्ट हीरालाल नील ------------------------------------------------------------------------------------------------------- लोकसभा के मानसून सत्र में अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी ने नियम 377 के तहत आर्थिक रूप से पिछडे वर्ग को आरक्षण के तहत दिए जाने वाले सम्पूर्ण लाभ दिलाने के लिए लोकसभा में मांग रखी, चौधरी ने लोकसभा पटल पर रखे नियम 377 के तहत अपने वक्तव्य में कहा कि हमारी केन्द्र सरकार ने देश की ऐतिहासिक मांग को स्वीकार करते हुए आर्थिक पिछड़ा वर्ग को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सभी सरकारी नौकरियों एवं शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आर्थिक पिछड़ा वर्ग ;म्ॅै, रिजर्वेशनद्ध को आरक्षण देने का फैसला एक स्वागत योग्य तथा सुखद था। लेकिन ईडब्ल्यूएस आरक्षण के संदर्भ में इस सदन का ध्यान चाहता हूं कि आर्थिक पिछड़ा वर्ग आरक्षण में आयु सीमा में छूट का प्रावधान न होने से इस वर्ग का एक बड़ा हिस्सा इसके लाभों से वंचित रह गया है जबकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग में आरक्षण में आयु सीमा में छूट का प्रावधान है। गत वर्ष हरियाणा सरकार द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को आरक्षण में आयु में छूट देने की घोषणा की है जो एक स्वागत योग्य कदम है। देश के अन्य राज्यों जैसे गुजरात, महाराष्ट्र एवं जम्मू कश्मीर में इस विसंगतियों को दूर कर ईडब्ल्यूएस आरक्षण में भी एसटी, एससी एवं ओबीसी आरक्षण की तरह आयु सीमा में छूट दी गई है। ऐसे में अध्यक्ष महोदय मेरी सदन से मांग है कि केंद्र सरकार को भी ईडब्ल्यूएस में आयु संबंधित छूट का प्रावधान करना चाहिए। क्योंकि आरक्षण का सही लाभ तभी मिलेगा जब एससी - एसटीए और ओबीसी की तरह सरकारी नौकरियों के लिए उम्र में भी छूट दी जाए और साथ ही शुल्क में भी रियायत दी जाए। वैसे भी यह सभी आर्थिक आधार पर पिछड़े है। इस सन्दर्भ में जल्द ही अनुकुल निर्णय कर विभागीय कार्यवाही करावें ताकि अन्य वर्ग के अभ्यर्थियों की भांति ईडब्लूएस वर्ग के अभ्यर्थियों को भी एक समान लाभ मिल सके। *प्रेस नोट -2* *राजस्थान के पिछडे जिलों बारां , जैसलमेर , करौली और सिरोहि के लिए नवीन मेडिकल कॉलेज के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 780 करोड़ की राशि जारी की - सांसद भागीरथ चौधरी* *धौलपुर में स्थापित नए मेडीकल कॉलेज की स्वीकृत लागत 250 करोड़ में से 150 करोड़ रूपये केन्द्र का भाग जारी हुआ* आकांक्षी जिलों मेें नए चिकित्सा महाविद्यालय खोले जाने से सम्बन्धित अतारांकित प्रश्न संख्या 1981 के माध्यम से अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी ने लोकसभा में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री से जानकारी मांगी की मौजूदा जिला / रैफरल अस्पतालों से जुड़े आकांक्षी और पिछड़े जिलों में नए मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए केंद्र प्रायोजित योजना के तीसरे चरण क तहत राज्यवार स्वीकृत प्रस्ताव एवं उक्त योजना के तहत नए मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए विचाराधीन प्रस्ताव , प्रथम एवं द्वितीय चरण के लिए इस आवंटित और उपयोग की जाने वाली निधियों का ब्यौरा क्या है। अपने उत्तर में स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पंवार ने बताया कि मौजूदा जिला/ रेफरल अस्पतालों में संबद्ध नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना नामक केन्द्रीय प्रायोजित योजना (सीएसएस) के तीसरे चरण के तहत महत्वाकांक्षी जिलों में नए मेडिीकल कॉलेज स्थापित करने के संबंध में 27 प्रस्ताव प्राप्त हुए थे जिनमें से 21 प्रस्तावों को योजना के मानदंडो के आधार पर अनुमोदित किया गया है। योजना के तृतीय चरण के तहत सभी 75 अनुमोदित मेडिकल कॉलेजों का आवंटन किया जा चुका है। योजना के तहत 157 मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किए गए है जिनमें से 47 कार्यात्मक हो गए है। शेष मेडिकल कॉलेजों का कार्य समाप्ति के विभिन्न चरणों पर है। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि राजस्थान में तीसरे चरण के अन्तर्गत केन्द्रीय प्रायोजित स्कीम के तहत बारां, जैसलमेर , करौली, सिरोही प्रत्येक जिले में मेडीकल कॉलेज की स्थापना के लिए अनुमोदित लागत 325 करोड़ रूपये है जिसमें से केन्द्र द्वारा 195 करोड़ एवं राज्य द्वारा 50 करोड़ वहन किया जा रहा है। राजस्थान के धौलपुर में 250 करोड़ की लागत वाले मेडिकल कॉलेज में केन्द्र ने 150 करोड रूपये की राशि जारी की है। वर्तमान में केन्द्रीय प्रायोजित योजना के तहत राजस्थान में बाड़मेर , भरतपुर, भीलवाड़ा चुरू , डूंगरपुर, पाली और सीकर के मेडिकल कॉलेज कार्यशील है।

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