गड्डी मालियान शमशान विकास समिति ने अपने स्तर पर खर्चा उठाकर लाकँडाउन के दौरान " कोविड महामारी से मृत-शवों की अस्थियों" का पुष्कर सरोवर मे "विसर्जन" करने का निर्णय लिया।

||PAYAM E RAJASTHAN NEWS|| 23-JUN-2021 || अजमेर || रिपोर्ट हीरालाल नील----------------------------------------------------------------------------------------------------- गड्डी मालियान शमशान विकास समिति ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि वैश्विक महामारी कोरोना की दुसरी लहर के कारण कई लोगो के परिवारों मे तीन-चार सदस्य को खो दिया,उनके अस्थियों को परिवार के सदस्यों ने गड्डी मालियान शमशान प्रागंण मे ही नाम,पता,दिनाकं के साथ लाकर, अल्मारियों व लाँकर मे रख दिये।आज भी अस्थियों के बंडल, कलश करीब 100 से 150 के बीच अल्मारियों व लाँकर मे ढसा-ढस भरे हुये हैं ओर पुरी तरह से सुरक्षित हैं। यद्यपि सरकार की प्रशासनिक गाईड लाईन के अनुसार लाकडाऊन मे छूट दी हैं। जिसके कारण पुष्कर सरोवर मे हिन्दूधर्म के संस्कार को अपनाते हुये विधी-विधान से उन अस्तियों का विसर्जन उनके परिजनों की उपस्थिति मे हो सके। इसके लिये परिजन गड्डी मालियान विकास समिति के कार्यालय मे 25 जून तक सम्पर्क कर सकते हैं। ताकि दिवंगत आत्मा को मोक्ष का मार्ग प्रशस्त हो सके। यदि कोई जरूरत मंद परिवार पुष्कर मे अस्थियों के विसर्जन के लिए जाने के लिए तैयार नहीं हैं तो गड्डी मालियान शमशान विकास समिति अपने स्तर पर खर्चा करके भेजने का प्रयास करेगी। इसके साथ-साथ कोविड महामारी से मृत-आत्माओं की अस्थियों को हिन्दूधर्म के विधी-धान से हरिद्वार ले जाने का भी प्रस्ताव आया। इस मिटींग मे अध्यक्ष नेमीचंद बबेरवाल, प्रदीप कच्छावा, श्यामलाल तंवर, सुरेन्द्र गढवाल,ओमप्रकाश तुनवाल, भोलु बबेरवाल, बंटी टांक,चेतन सैनी,पार्षदपति दिलावर चौहान,ओम ढलवाल, यशोदा नंदन चौहान,शैरू सेन,मुसा भाई इत्यादि ने अपने अपने विचार रखें ओर सहमति दी गई। आपके प्रतिष्ठित अखवार के माध्यम से सूचित करना चाहते हैं।गड्डी मालियान शमशान विकास समिति के इस पुनित कार्य करने के लिए दिवंगतों आत्माओं के परिवार के बडे-बुजुर्ग,सदस्य शीध्र सम्पर्क करे ओर इन अस्थियों को पुष्कर सरोवर मे विसर्जन करने मार्ग प्रशस्त हो। इस प्रकार कोविड महामारी की दूसरी लहर मे भी करीब 500 शवों का हिन्दू धर्म के विधी-विधान से अंतिम संस्कार करती आ रही हैं,जिसमें परिवार के लोग तो हाथ भी नहीं लगा रहे थे। आज भी गड्डी मालियान शमशान विकास समिति पुरी तरह से "मानवधर्म" निभा रही हैं।

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