बाल विवाह निषेध अभियान( बाल विवाह को कहे ना) का शुभारंभ

||PAYAM E RAJASTHAN NEWS|| 03-APR-2021 || अजमेर || राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर एवं श्रीमान अध्यक्ष महोदय जिला विधिक सेवा करण प्राधिकरण (जिला एवं सेशन न्यायाधीश)अजमेर के निर्देशानुसार बाल विवाह रोकथाम अभियान माह अप्रैल 2021 से जून 2021, नवंबर 2021 से दिसंबर 2021 तक पूरे 5 माह संघन विधिक जागरूकता अभियान का दिनांक 03.04.2021 को ऑनलाइन कार्यक्रम कर शुभारंभ किया गया सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ( अपर जिला एवं एवं सेशन नयायाधीश) श्री रामपाल जाट द्वारा ओर अजमेर जिले व तालुका के समस्त पैरा लीगल वालंटियर, आंगनवाडी कार्यकर्ता आदि को बाल विवाह जैसी कुरूतियो के प्रति लोगों को जागरुक करने हेतु निर्देशित किया गया ऑनलाइन कार्यक्रम में श्रीमान द्वारा बाल विवाह होने के कारणों व दुष्परिणामओ के बारे में बताया गया विशेषकर बाल विवाह होने से बालिकाओं के स्वास्थ पर गंभीर दुष्प्रभाव होता है और वह कम उम्र में ही ऐसे सामाजिक गठबंधन से जुड़ जाती है जिसके लिए वह परिपक्व नहीं होती है और उन्हें कई तरह की मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है कम उम्र में ही शादी होने से पति , पत्नी दोनों ही सही तरीके से शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते हैं जिसे उन्हें भविष्य में अच्छे रोजगार नहीं मिल पाते हैं और उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आर्थिक परेशानियों के चलते ना तो अपना और ना हीं अपने बच्चों का सही प्रकार से भरण पोषण कर पाते हैं और वह गरीबी रेखा कि ओर उन् मुख हो जाते हैं श्रीमान ने बताया कि बाल विवाह वे विवाह होते हैं जिनमें लड़के की उम्र 21 वर्ष व लड़की की उम्र 18 वर्ष से कम हो ऐसे विवाह बेमेल विवाह भी होते हैं और किसी का सामाजिक वा पारिवारिक दबाव के कारण से बाल विवाह हो भी जाता है तो वे अपना 2 वर्ष के भीतर अपना विवाह शून्य घोषित करवा सकते हैं ग्रामीण क्षेत्रों मै अधिक से अधिक आमजन को जागरुक किया जाकर बाल विवाह अभियान को सफल बनाएं

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