*घर में रहकर मनायें पवित्र रमज़ान* डॉ मोहम्मद रोशन

||PAYAM E RAJASTHAN NEWS|| 03-MAY-2020
|| अजमेर || *घर में रहकर मनायें पवित्र रमज़ान* डॉ मोहम्मद रोशन 



चांद की तस्दीक के साथ ही रमजान का पवित्र माह शुरू हो गया है। रमज़ान के महीने की रस्मों को लेकर डॉ.मोहम्मद रोशन ने कहा, चूंकि पूरे देश में लॉक डॉउन है, लिहाज़ा रमज़ान के महीने में भी सरकारी आदेशों का पालन करना ज़रूरी है। मस्जिदों की जगह घरों में ही नमाज़ पढ़ी जा सकती है। कुरान का पाठ किया जा सकता है। उन्होंने इशा की नमाज़ के बाद कुरान पाठ पर केंद्रित तरावीह की नमाज़ के विषय में कहा, इस नमाज़ के लिये भी मस्जिदों में जाने की बजाय घरों में अदा करें।
ज़कात का पैसा जरूरतमंद लोगों को दें : डॉ.रोशन ने एक बड़ी बात भी कही। उन्होंने कहा, मैं देश के सभी मुस्लिम भाइयों से यह अपील करने जा रहा हूं कि वे इस बार ज़कात (अपनी कमाई में से 2.5 प्रतिशत ज़रूरतमंदों का हिस्सा) समाज के ग़रीब व जरूरतमंद लोगों की मदद के लिये दें। मज़हब, ज़ात-पात से ऊपर उठकर एक हिंदुस्तानी के रूप में यह हमारा राष्ट्रधर्म है।


रमजान पाक महीने की शुरुआत 25 अप्रैल से हो गई है। ऐसे में जहाँ डायबिटीज, ह्रदय के रोगियों को खानपीन में सावधानी बरतने की जरूरत हैं वही धूम्रपान छोड़ने के इच्छुक लोगों के लिए ये महीना वाकई में फायदेमंद हैं। 


'रमजान' में डायबिटीज पेशेंट रखें सावधानी, 


- टाइप-2 डायबिटीज रोगियों को रोजा रखने से पहले एक अच्छे डॉक्टर से कंसल्ट कर लेना चाहिए।


- डायबिटीज रोगियों को रोजे के दौरान अपना ग्लूकोज लेवल टेस्ट करके देख लेना चाहिए।


- डायबिटीज रोगियों को सुबह की सहरी के दौरान सुबह तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए। 


- सुबह बहुत मीठी, चिकनाई से भरपूर और तले-भुने खाद्य पदार्थों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। 


ह्रदय के रोगियों व बाईपास सर्जरी वाले रखें परहेज


डॉ. रोशन ने कहा कि जिन रोगियों को दिल का भारी दौरा पड़ चुका है और उनकी बाईपास सर्जरी हो चुकी है, उन्हें रोजे से परहेज करना चाहिए। इसका प्रमुख कारण यह है कि ऐसे रोगियों को दिन में कई बार दवा लेनी पड़ती है। इसके साथ ही उनके शरीर में पानी का स्तर भी सामान्य बना रहना जरूरी है। उन्होंने कहा कि दिल के रोगियों को उनका डॉक्टर उनकी पूरी जांच करने के बाद अगर रोजा रखने की इजाजत दे तो ही वह रोजा रखें।


सामान्य लोग क्या रखें सावधानी 


- आम दिनों में जितना खाना खा रहे हैं, उतने ही खाने का सेवन करना चाहिए यानि खाने में संयम बरतना चाहिए। 


- अक्सर देखा जाता है कि लोग सहरी में दबा के भोजन करते हैं जिससे आपका स्वास्थ्य गड़बड़ा सकता है। 


- सुबह के समय पानी से भरपूर तरल पदार्थों का सेवन करें जैसे तरबूज, खरबूज, फलों का जोड़ आदि। इससे दिनभर भूखे प्यासे रहने पर डिहाइड्रेशन का खतरा कम हो जाता है और शरीर में कैलोरी की प्रचुर मात्रा में बनी रहती है। 


धूम्रपान छोड़ने का सबसे सही समय 


धूम्रपान और तम्बाकू के लती लोग रोजे के दौरान इसका सेवन नहीं करते। यानि जब वह एक महीने के लिए इस बुरी लत को छोड़ सकते हैं तो जिंदगी भर के लिए क्यों नहीं। इसलिए लोगों को रमजान के पवित्र माह में ये लत छोड़कर ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहिए।


रमजान में इफ्तार व सेहरी में अनाज, खजूर, केला, जूस और हरी सब्जियां इत्यादि का सेवन करना चाहिए। इनमें फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, पोटेशियम जैसे तत्व होते हैं। जो शरीर को मजबूत बनाते हैं। इनसे भूख भी कम लगेगी और एसिडिटी की शिकायत भी नहीं होगी। तेल और मसाले से बनी चीजों से जितना हो सके परहेज करना चाहिए। शाम को रोजा खोलने के बाद हमेशा हल्का भोजन करें। रोजा खोलने के बाद जूस, नींबू पानी आदि लें। नारियल पानी जरूर पीएं। ऐसा देखा गया है कि दिनभर रोजे के बाद इफ्तार के समय रोजेदार एक साथ काफी पानी पी लेते हैं, जो सही नहीं है। दिनभर खाली पेट रहने के बाद एक बार में ज्यादा पानी न पीएं ।।।।।।।।।


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