व्यंग्यकार प्रदीप गुप्ता की एक और व्यंग्य रचना ' मोबाइल और लॉक डाऊन '

||PAYAM E RAJASTHAN NEWS|| 14-APR-2020
|| अजमेर|| व्यंग्यकार प्रदीप गुप्ता की एक और व्यंग्य रचना  ' मोबाइल और लॉक डाऊन '


लॉक डाऊन भी बेचारा फूट फूट कर रोता 
अगर हमारे पास हमारा ये मोबाइल नही होता 
सोशल मीडीया पर बैठकर सारा दिन लोगो को ज्ञान बाँट रहे हैं 
इसी के सहारे जैसे तैसे लॉक डाऊन के दिन काट रहे हैं 
सुबह से शाम तक इसी पर चिपके रहते हैं 
मोबाइल के कारण ही बोरियत से बचे रहते हैं 
ऐसे विकट समय भी हमारे मुख पर कांति है 
पत्नी भी मोबाइल पर बिजी है इसीलिये घर में शान्ति है 
अगर मोबाइल नही होता तो घर में महाभारत हो जाती 
ये जो शांति दिखाईं दें रहीं हैं कभी की गारत हो जाती 
कोई पत्नी इतने दिनों तक पति को घर पर कब सहती है
वो तो व्हाट्सएप्प और फेसबुक की वजह से चुपचाप रहती है
घर में कैद होकर भी मानो हम आकाश में उड़ रहे हैं 
इसी की वजह से हम बाकी दुनिया और मित्रों से जुड़ रहे हैं 
ये ना होता तो घर में जान के लाले पड़ जाते 
जरा जरा सी बात पर बच्चे भी आपस में लड़ जाते 
खाली समय में ये हमारे शौक भी पूरे करवा रहा हैं 
गीत संगीत के साथ साथ ऑन लाईन गोष्ठियां भी करवा रहा है 
मनोरंजन के अलावा मोबाइल हमारे अन्य कार्य भी कर रहा है 
और घर में रहकर भी हमें हर तरह से अपडेट भी कर रहा है 
इसी की वजह से लॉक डाऊन पूरी तरह सफल है 
इसी की वजह से सरकारी निर्देशों पर सख्ती से अमल है 
अब जो होना है वो तो विधाता द्वारा पूर्व निर्धारित है 
मगर लॉक डाऊन में जीने के लिये आज आदमी मोबाइल  पर ही आधारित  है
प्रदीप गुप्ता 
अजमेर ।


Comments

Popular posts from this blog

क़ुरैश कॉन्फ्रेंस रजिस्टर्ड क़ुरैश समाज भारत की अखिल भारतीय संस्था द्वारा जोधपुर में अतिरिक्त जिला कलेक्टर दीप्ति शर्मा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौप कर सूरसागर में आये दिन होने वाले सम्प्रदायिक दंगों से हमेशा के लिये राहत दिलाने की मांग की गई है।

सीनियर सिटीजन यदि हर आधे घंटे में अपना स्थान बदलें और हाथ पैर चला लें तो ऑपरेशन की आवश्यकता ही नहीं रहेगी

अंजुमन यादगार चिश्तिया शेखजादगान की जानिब से एडवोकेट सैयद मजाहिर चिश्ती का इस्तकबाल किया