कवित्री व साहित्यकार सुमन शर्मा द्वारा प्रस्तुत "ख्वाब फिर कोई सजाया जाए "
||PAYAM E RAJASTHAN NEWS|| 28-MAR-2020
||अजमेर|| कवित्री व साहित्यकार सुमन शर्मा द्वारा प्रस्तुत "ख्वाब फिर कोई सजाया जाए "
आओ किसी रोते को हंसाया जाए,
ख्वाब फिर कोई नया सजाया जाए,
तिनके- तिनके से घरौंदा बनाया जाए,
मानव को मानव बनाया जाए, कुछ इस तरह इस धरा को चमन बनाया जाए।
मिटें दूरियां प्रेम - प्रीत की बात हो,
गले मिलकर मनमीत की बात हो, अंधेरे मिटें उजालों की बात हो,
हर शमा रोशन, सितारों की बात हो,
हर मन को मंदिर बनाया जाए। कुछ इस तरह इस धरा को चमन बनाया जाए।
हर दिन नया और रातें नई हों,
उमंगें जवां और बातें नई हों, जज्बात नए और मुलाकातें नई हों,
कलुष - दंभ खोकर चाहतें नई
हों,
इस धरा को वसुंधरा बनाया जाए। कुछ इस तरह इस धरा को चमन बनाया जाए ।
हर तार- सा झंकृत हो जिसमें,
वीणा भी अलंकृत हो जिसमें,
सब प्रेम से आवृत हो जिसमें, कंचन को कुंदन बनाया जाए।
कुछ इस तरह इस धरा को चमन बनाया जाए ।
न जीत हो ना हार हो,
सबका सुनहरा संसार हो,
रुदन की जगह हास हो,
एक आशा और विश्वास हो,
सुखों का इंद्रधनुष सजाया जाए। कुछ इस तरह इस धरा को चमन बनाया जाए।
सुमन शर्मा, अजमेर।
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