साहित्यकार व कवि प्रदीप गुप्ता की कोरोना वायरस को लेकर लघु कथा "क्वारेनटाइन"

||PAYAM E RAJASTHAN NEWS|| 28-MAR-2020
|| अजमेर || साहित्यकार व कवि प्रदीप गुप्ता की कोरोना वायरस को लेकर लघु कथा "क्वारेनटाइन"


लघु कथा - क्वारेनटाइन 
रोहित जब दादी के कमरे में खाना देने गया तो दादी ने पूछा - बेटा रोहित ये क्वारेनटाइन क्या होता है । टी वी में बता रहे हैं कि कोरोना से संक्रमित रोगियों और विदेश से आये व्यक्तियों को चौदह दिन क्वारेनटाइन पर रखा जा रहा है । 
रोहित बोला - दादी क्वारेनटाइन पर रखें जाने वाले व्याक्तियों को चौदह दिन तक एक अलग कमरे में अकेले रखा जाता है । उसी कमरे में उनको खाना पीना और दवाइयां आदि दी जाती हैं । उनका बाथरूम भी अलग होता है । ना वो कही बाहर जा सकते हैं ना कोई उनसे मिल सकता है । अच्छा दादी अब में जा रहा हूँ । खाना रखा है आप खा लेना । 
रोहित के जाने के बाद दादी सोच रहीं थी अगर यही क्वारेनटाइन है तो में तो पिछ्ले सात साल से जब से रोहित के दादाजी कि मृत्यु हुई है क्वारेनटाइन पर हीं हूँ ।


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